


एनडी न्यूज नेटवर्क। राजस्थान हाईकोर्ट ने सूचना सहायक भर्ती-2023 पर लगी रोक को हटा दिया। जस्टिस सुदेश बंसल की कोर्ट ने रोक हटाते हुए आदेश में कहा कि प्रश्नों के उत्तरों की शुद्धता से संबंधित विवाद में अदालत विषय विशेषज्ञ की तरह काम नहीं कर सकती।

इस तरह के विवाद में न्यायिक समीक्षा का दायरा अत्यंत संकीर्ण है। ऐसा इसलिए किया गया है कि सार्वजनिक रोजगार को अंतिम रूप दिया जा सके। यहां तक की अगर मामूली गलती हो तो उसे भी स्वीकार भी किया जा सकता है।
अदालत ने सितंबर 2024 में भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई थी, जिससे करीब 3415 पदों पर भर्ती अटक गई थी।
पांच प्रश्नों को लेकर था विवाद
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने पहले 16 जनवरी 2023 को 2730 पदों पर भर्ती निकाली थी। उसके बाद संशोधित करते हुए 27 जून 2024 को पद बढ़ाते हुए 3415 कर दिए गए।
21 जनवरी 2024 को रिटन एग्जाम हुआ। बोर्ड ने 2 फरवरी 2024 को प्राथमिक आंसर-की जारी करते हुए आपत्तियां मांगी। बोर्ड को करीब 89 सवालों पर आपत्तियां मिली। बोर्ड ने 80 आपत्तियों को खारिज करते हुए 7 सवालों को डिलीट कर दिया। वहीं दो सवालों के उत्तर बदल दिए।
1 जुलाई 2024 को फाइनल आंसर-की जारी करते हुए परिणाम घोषित कर दिया, जिसके बाद याचिकाकर्ताओं ने 5 सवालों को हाईकोर्ट में चुनौती दी।
हजारों अभ्यर्थियों के भविष्य का सवाल
अदालत ने कहा- बोर्ड ने एक्सपर्ट कमेटी के आधार पर फाइनल आंसर-की जारी की। वहीं याचिकाकर्ताओं ने न तो परीक्षा की निष्पक्षता पर कोई सवाल उठाया और न ही बोर्ड के एक्सपर्ट की विश्वसनीयता को चुनौती दी।
केवल इस आधार पर की याचिकाकर्ता फाइनल आंसर-की में इन पांच सवालों के जवाब से संतुष्ट नहीं है, लेकिन यहां हमें यह भी देखना है कि भर्ती से हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य जुड़ा हुआ है। ऐसे में भर्ती प्रक्रिया को रोका नहीं जा सकता।
