


एनडी न्यूज नेटवर्क। टेलीग्राम (Telegram) एक लोकप्रिय इंस्टेंट मैसेजिंग एप है, जिसे अपनी सिक्योरिटी, तेज स्पीड और बड़े ग्रुप्स व चैनल्स के लिए जाना जाता है। यह वॉट्सएप की तरह चैटिंग, मीडिया शेयरिंग और वॉयस-वीडियो कॉल की सुविधा भी देता है। हाल के वर्षों में कंपनियां और ब्रांड ग्राहकों तक तेजी से पहुंचने के लिए इसका खूब इस्तेमाल कर रहे हैं।

हालांकि, साइबर अपराधियों ने भी इसका गलत फायदा उठाना शुरू कर दिया है। वे फर्जी जॉब ऑफर, इन्वेस्टमेंट स्कीम और ऑनलाइन ठगी जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। खासकर, बिना इंटरव्यू के हाई-सैलरी वाली नौकरियों का लालच देकर लोगों से पैसे ऐंठने के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में ऑनलाइन ठगी के इन नए तरीकों से सतर्क रहना जरूरी है।
टेलीग्राम जॉब फ्रॉड क्या है?
टेलीग्राम जॉब फ्रॉड एक ऑनलाइन धोखाधड़ी है, जिसमें साइबर ठग नौकरी का झूठा लालच देकर लोगों से पैसे ठगते हैं। ये ठग टेलीग्राम एप पर ग्रुप या मैसेज के जरिए वर्क फ्रॉम होम, डेटा एंट्री या पार्ट-टाइम जॉब का ऑफर देते हैं।
इन फर्जी नौकरियों में न इंटरव्यू होता है, न कोई टेस्ट। सीधे जॉइनिंग का झांसा दिया जाता है। फिर रजिस्ट्रेशन फीस, ट्रेनिंग फीस या सिक्योरिटी डिपॉजिट के नाम पर पैसे मांगे जाते हैं। जैसे ही पैसा मिलता है, ठग लोगों को ब्लॉक कर देते हैं और संपर्क खत्म हो जाता है।
लोग किन गलतियों की वजह से टेलीग्राम जॉब स्कैम में फंसते हैं?
साइबर ठग तेजी से नौकरी दिलाने, घर बैठे कमाई करने और बिना योग्यता के पैसे कमाने का लालच देते हैं। कई लोग बिना जांच-पड़ताल किए ऐसे ऑफर्स पर भरोसा कर बैठते हैं। नीचे ऐसी बड़ी गलतियां दी गई हैं, जिनकी वजह से लोग इस जॉब फ्रॉड का शिकार बनते हैं।
बिना कंपनी की जांच किए ऑफर स्वीकार कर लेना।
“कम मेहनत में ज्यादा कमाई” जैसे वादों पर भरोसा करना।
बिना इंटरव्यू और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के सीधा जॉइनिंग मान लेना।
नकली कंपनी नाम, वेबसाइट या लोगो देखकर ठगों को असली समझ लेना।
जॉइनिंग से पहले मांगे गए किसी भी पेमेंट को बिना जांच के भेज देना।
टेलीग्राम जॉब फ्रॉड के कौन-कौन से कॉमन टाइप हैं?
साइबर क्रिमिनल्स टेलीग्राम पर अलग-अलग तरीकों से लोगों को जॉब के नाम पर ठगते हैं। नीचे दिए पॉइंट्स में कुछ कॉमन देख सकते हैं।
साइबर क्रिमिनल्स फर्जी वर्क-फ्रॉम-होम जॉब का ऑफर देते हैं। इसमें बेहद आसान काम जैसे किसी पेज को लाइक करना, शेयर करना, कमेंट करना होता है। इसके बदले हर दिन पैसे कमाने का दावा किया जाता है। इसमें रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर साइबर क्रिमिनल्स पैसे की डिमांड करते हैं।
साइबर क्रिमिनल्स लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए हाई-सैलरी वाली फेक जॉब्स के लुभावने ऑफर देते हैं। इसमें बिना किसी इंटरव्यू के बिना सीधा सिलेक्शन होता है। बस इसमें सिक्योरिटी डिपॉजिट या ट्रेनिंग फीस के नाम पर पैसे की मांग करते हैं।
साइबर क्रिमिनल्स टेलीग्राम गुप्स में ‘घर बैठे टाइपिंग करो और हजारों पैसे कमाओ’ जैसे विज्ञापन निकालते हैं। पहले जॉब ऑफर, फिर वर्क-किट या सॉफ्टवेयर खरीदने के लिए पैसे मांगते हैं।
‘500 लगाकर 5000 रुपए कमाएं’ जैसी फेक इन्वेस्टमेंट स्कीम टेलीग्राम गुप्स में डालते हैं। साइबर क्रिमिनल्स भरोसा जीतने के लिए शुरुआत में छोटे अमाउंट (₹100-₹500) पर कुछ पैसे वापस भी मिल देते हैं। जब लोग इस पर भरोसा कर लेते हैं तो 5000 से 10,000 रुपे तक लगाने के लिए कहते हैं। एक बार बड़ी रकम हाथ लगते ही साइबर क्रिमिनल्स गुप्स से बाहर निकाल देते हैं या फिर ब्लॉक कर देते हैं।
